प्रशासक के सलाहकार का पद समाप्त करने पर सियासत गरमाई -- AAP नेता बोले .. ??
- केंद्र सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार कर इसे वापस लेना चाहिए
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
चंडीगढ़ में प्रशासक के सलाहकार का पद समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सियासत गरमा गई है। चंडीगढ़ में 40 साल बाद प्रशासक का पद समाप्त कर मुख्य सचिव का पद बनाया गया है। केंद्र के इस फैसले का विरोध करते हुए AAP प्रदेश ज्वाइंट सेक्टरी परविंदर सिंह ढोट ने कहा कि यूटी प्रशासक के सलाहकार का प्रभार अरुणाचल प्रदेश - गोवा - मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी को दिया गया था।
पंजाब के राज्यपाल के पास यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक का प्रभार है। पंजाब की सत्ताधारी पार्टी के नेता परविंदर ढोट ने केंद्र सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए दावा किया कि यह एक बार फिर केंद्र सरकार के पंजाब विरोधी रवैये को उजागर करता है. उन्होंने कहा, "पंजाब के लोग इस फैसले को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. केंद्र सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और इसे वापस लेना चाहिए."
परविंदर सिंह ढोट ने कहा "ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक रूप से चंडीगढ़ पंजाब का है। चंडीगढ़ का निर्माण पंजाब के 27 गांवों को उखाड़ कर किया गया था. इसलिए केंद्र सरकार को पंजाब सरकार से सलाह किए बिना कोई बड़ा फैसला नहीं लेना चाहिए।
परविंदर सिंह ढोट ने कहा कि केंद्र सरकार को यूटी प्रशासक के सलाहकार के पद को यूटी चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के रूप में फिर से नामित करने के फैसले पर आगे बढ़ने के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने कहा चंडीगढ़ को पंजाब में स्थानांतरित करना एक सुलझा हुआ मुद्दा है। यहां तक कि चंडीगढ़ के बदले हरियाणा को दिए जाने वाले हिंदी भाषी क्षेत्रों का मुद्दा भी किसी भी संभावित विवाद या संदेह से परे सुलझा हुआ है।
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