कपूरथला में चल रहे 32 बेलर --- भूसे की गांठों में बांध खेतों से बाहर डंप किया जाता .....
- DC ने किसानों को अधिक से अधिक लाभ लेने के लिए किया प्रेरित, बेलर से पराली जलाने के मामले हुए कम
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
कपूरथला जिले में इस समय लगभग 32 बेलर चल रहे हैं, जो धान की कटाई के बाद बचे हुए भूसे को इकट्ठा करके गांठों में बांध देते हैं जिसे आसानी से खेतों से बाहर ले जाकर डंप किया जाता है। वहीँ यह धान की पराली जलाने की प्रवृत्ति को रोकने में स्ट्रॉ बेलर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
DC अमित कुमार पांचाल ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से सब्सिडी के ऊपर बेलर भी दिए गए ताकि किसानों को पराली के उचित निपटारे में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा बेलर यूनिटों को डंप के लिए कई गांवों में स्थान मुहैया कराए गए हैं। ताकि वह खेतों से पराली एकत्र कर उसे डंप कर सकें।
उन्होंने कहा कि डंप की गई पराली का उपयोग बॉयलर यूनिटों, गत्ता कारखानों में उपयोग के लिए किया जा रहा है। जिसके लिए कपूरथला जिले में से फिरोजपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में बॉयलर यूनिटों को कम्प्रेस करके गंठों के रूप में बांधी पराली को ईंधन के लिए भेजा जा रहा है।
कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बलबीर चंद ने बताया कि एक एकड़ की गांठें बनाने में बड़े बेलर्स को केवल 20-25 मिनट और छोटे बेलर्स को 30-35 मिनट लगते हैं, जिससे किसान का खेत बहुत जल्दी खाली हो जाता है, जिसे वह तुरंत अगली फसल के लिए तैयार कर सकता है।
पराली की गांठें बनाने वाले किसान गांव पंडोरी जागीर के अमरीक सिंह और गांव नूरोवाल के सतनाम सिंह ने कहा कि बेलर से गांठें बनाने से वे तुरंत खेत खाली कर सकते हैं और पराली न जलाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान देकर उन्हें खुशी महसूस हो रही है।
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