यूक्रेन से सकुशल पंजाब पहुंची छात्रा तनुश्री बोली ---- सैनिकों ने भी बुरा बर्ताव किया ...??
- नशे में धुत लोकल युवाओं से बड़ी मुश्किल जान बचाई
- यूं लग रहा था कि अगर ब्लास्ट से बच गए तो ठंड से मर जाएंगे
खबरनामा इंडिया ब्यूरो। पंजाब
यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए हमले के बीच बचते बचाते यूक्रेन से सब कुशल पंजाब पहुंची छात्रा तनुश्री ने वहां के हालात की जानकारी देते हुए बताया कि वहां सैनिकों ने भी उनसे बुरा बर्ताव किया और हम पर बंदूके तक तान दी थी। वही लोकल युवाओं द्वारा नशे में धुत होकर लड़कियों से छेड़छाड़ करने की कोशिश भी की जा रही थी।
यूक्रेन की ट्रोनोपॉल यूनिवर्सिटी में MBBS के तीसरे वर्ष की छात्रा तनुश्री ने लुधियाना के गांव बल्लोवाल में अपनी बुआ के घर पहुंच राहत की सांस ली। तनुश्री ने सबसे पहले हिमाचल के लाहौल स्पीति में देश की सीमा पर सुरक्षा कर रहे अपने पिता नायब सूबेदार से वीडियो कॉल पर बात की। उसके पिता अपनी बेटी की चिंता में पिछले 7 दिन से सो भी नहीं पाए। तनुश्री की माता जो कि पुणे में थी वह भी तनुश्री के आने के बाद उसकी बुआ के घर पहुंच गई।
तनुश्री ने यूक्रेन में जारी युद्ध के हालात बारे में बताया कि जिंदगी के सबसे भयानक यह 7 दिन थे। जिसको वह कभी भूल नहीं पाएगी। उन पलों को सोच कर आज भी रूह कांप उठती है। तनुश्री ने बताया कि बॉर्डर तक पहुंचने के लिए करीब 60 छात्रों ने 100 -100 डॉलर इकट्ठा कर एक बस बुक कराई। 25 फरवरी की रात को बस में सवार होकर वह सब निकल पड़े। लेकिन 26 की सुबह बस ड्राइवर ने उन्हें बॉर्डर से 50 किलोमीटर पीछे ही उतार दिया। तापमान 2 डिग्री सेल्सियस था और ऊपर से अफ्रीकन लड़के-लड़कियां उनको भी परेशान कर रहे थे।
उसने बताया कि उनके पास कोई रास्ता नहीं था इसलिए वह पैदल ही बॉर्डर की ओर चल पड़े। पास में ना कुछ खाने के लिए था और ना ही पीने के लिए। ठंड से बचने के लिए स्थानीय लोगों से गर्म कपड़े और बॉर्डर तक जाने के लिए मदद मांगी, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। 27 फरवरी की रात उन्होंने इमीग्रेशन ऑफिस के बाहर बैठकर गुजारी। वहां भी नशे में धुत लोकल युवाओं ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया। 28 की सुबह उन्हें पोलैंड में एंट्री मिली। यूक्रेन के सैनिकों का उनके प्रति भी बहुत सख्त रवैया रहा।
No comments