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Breaking .... प्रदेश के तीन शहरों में 35 स्थानों पर आयकर विभाग छापा, पढ़े लेटेस्ट अपडेट

सैफ्रन, आईजेएम् और हेजिटेट ग्रुपो के आपसी लिंक को देखते हुए सभी पार्टनर बने विभाग का निशाना 

- लुधियाना, जालंधर और कपूरथला के 35 ठिकानो पर 350 लोगो की टीम सुबह से कर रही सर्च   

- स्कूटर पर बीड़ी बेचने वाला मरवाहा कैसे बना अरबपति ? उत्तर भारत में कई शहरों में है सम्पत्ति  

 खबरनामा इंडिया ब्यूरो। पंजाब  


पंजाब के जालंधर, लुधियाना और कपूरथला में  प्रदेश के तीन बड़े ग्रुपो के 35 ठिकानो पर वीरवार सुबह से आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन टीम की जाँच जारी है। जिसमें सिर्फ जाँच जारी की पुष्टि इंवेसीटिगेशन विंग के प्रभारी व जॉइंट कमिश्नर चौधरी दिग्विजय सिंह ने की थी। लेकिन विभागीय सूत्रों की माने तो प्रदेश के तीन व्यापारिक ग्रुप आयकर विभाग के निशाने पर थे। जिनमे जालंधर का आईजेएम ग्रुप, कपूरथला का सेफ्रन और लुधियाना का हेजिटेट ग्रुप शामिल है। इनके आपसी व्यापरिक लिंक व कुछ ही वर्षो में अरबो की सम्पति दर्ज करने से विभाग के राडार पर इनके सभी पार्टनर आ गए थे। सूत्रों की माने तो इन ग्रुपो के मालिक मुख्यता चंद्र शेखर, मनमोहन सिंह, ज़फर चंद्र और रणजोत सिंह के बारे विभाग को गुप्त सुचना भी लिली थी।    
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सूत्रों के अनुसार गुप्त सुचना के आधार पर सक्रीय हुई आयकर विभाग की टीम के लगभग 220 अधिकारिओ व कर्मिओ ने वीरवार सुबह से ही तीनो शहरों में 35 ठिकानो पर एक साथ सर्च शुरू की। इस टीम के साथ लगभग 140 पुलिस सुरक्षा के जवान भी मौजूद थे। इस सर्च में नार्थ इंडिया के सबसे बड़े आर्किटेक्ट फर्म भी शामिल है। सूत्र यह भी बताते है कि नकोदर के बीड़ी बेचने वाले मरवाहा के रियल एस्टेट कारोबार व अकूत सम्पत्ति की जानकारी लुधियाना के इन आर्किटेक्ट को है। 

बता दें कि मरवाहा कभी नकोदर में बीड़ी बनाकर बेचा करता था। बीड़ी का धंधा ऐसे चल निकला कि उसने सिगरेट भी बनाना शुरू कर दिया। बीड़ी और सिगरेट बनाकर बेचने वाला मरवाहा आज अरबों रुपये का मालिक है। उसके पास आलीशान बंगला, कोठी और दिल्ली व चंडीगढ़ जैसे शहरों में फार्म हाउस है। स्कूटर पर बीड़ी बेचने वाला मरवाहा आज कई लग्जरी गाड़ियों का मालिक भी है। यही नहीं बल्कि, उसके सभी पार्टनर भी कुछ ही वर्षो में अरबो पति बने है। यह तीनो फर्म अलग अलग है लेकिन इनके व्यापरिक लिंक और दिनों में ही आय में आये बदलाव के कारण विभाग के निशाने पर आना मन जा रहा है। 


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