स्केप साहित्यिक संस्था की ओर से मासिक कवि दरबार का आयोजन ....
- दविंदर सिंह जस्सल ने मधुर शैली में "तैनू काहदा मान" गाना सुनाकर माहौल को बनाया गंभीर
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
स्केप साहित्यिक संस्था (रजि.) फगवाड़ा में संस्था के संरक्षक प्रो. गुरमीत सिंह पलाही के नेतृत्व में हरगोबिंद नगर फगवाड़ा में मासिक कवि दरबार का आयोजन किया गया।
जिसमे प्रसिद्ध प्रवासी लेखक करण अजायब सिंह संघा, अध्यक्ष कमलेश संधू, वरिष्ठ मिशनरी कवि सोहन सहजल, गीतकार लाली करतारपुरी, ग़ज़लगो जरनैल सिंह साखी अध्यक्ष मंडल में उपस्थित हुए। कवि दरबार की शुरुआत मीनू बावा ने अपनी कविता "मेरे ताया जी" से की और बचपन के भूले-बिसरे और मधुर रिश्ते की याद दिला दी।
इसके बाद उन्होंने लाली करतारपुरी का लिखा गाना "बाबल तेरी शान वधावंगी" गाया और दर्शकों के साथ एक भावनात्मक रिश्ता सांझा किया। दविंदर सिंह जस्सल ने मधुर शैली में "तैनू काहदा मान" गाना सुनाकर माहौल को गंभीर बना दिया और फिर हास्यपूर्ण कविता "बेगम मेरी" सुनाकर लोगों को खूब हंसाया।
रविंदर सिंह रॉय ने अपनी ग़ज़लों के माध्यम से समाज के असली रावण, महिलाओं की सुरक्षा, बुजुर्ग माता-पिता की उपेक्षा, संप्रदायवाद आदि विषयों को छुआ। प्रीत कौर प्रीति ने आज़ाद कविता के माध्यम से देश के मौजूदा हालात का जायजा सांझा किया।बलबीर कौर बब्बू सैनी ने अपनी ग़ज़लों के माध्यम से आज के स्वार्थी लोगों की सच्चाई को व्यक्त करने के बाद अपनी रचना के माध्यम से नव वर्ष में सब के मंगल की कामना भी की। जरनैल सिंह साखी, जसविंदर फगवाड़ा, दलजीत महिमी करतारपुर, उर्मलजीत सिंह वालिया, लाली करतारपुरी, सोहन सहजल ने खूबसूरत गजलें सुनाकर तरन्नुम में सुना कर मानो समय ही बांध दिया।
इस अवसर पर प्रिंसिपल गुरमीत सिंह पलाही, करण अजायब सिंह संघा, सिमरत कौर, नगीना सिंह बलगन, गुरनाम बावा, साहिबा जीतन कौर, हरजिंदर नियाना, कमलेश संधू ने भी अपनी रचनाओं के माध्यम से दर्शकों से वाह वाह बटोरी। गुरमीत सिंह पलाही और करण अजायब सिंह संघा ने देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर सुंदर रचनाएँ प्रस्तुत करने के लिए सभी कवियों की प्रशंसा की और पलायन, विशेषकर पंजाब के युवाओं के पलायन, प्रवासन के दौरान पंजाबियों को होने वाली कठिनाइयों पर विचार सांझा किए और युवाओं के पलायन के बाद बुजुर्ग माता-पिता की दयनीय स्थिति पर चिंता जताते हुए सरकारों को इस ओर ध्यान देने का संदेश दिया।
मंच संचालन कमलेश संधू ने किया । आयोजन की प्रशासनिक जिम्मेदारी गुरुमीत सिंह पलाही, गुरनाम बावा, मनदीप सिंह, परविंदर जीत सिंह ने निभाई। कुल मिला कर स्केप साहित्यिक संस्था फगवाड़ा का 2024 का आखिरी कवि दरबार अद्भुत और यादगार रहा।
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