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कपूरथला के अनमोल शर्मा ने UPSC-CDS (कंबाइंड डिफेंस सविर्सेस) में ऑल इंडिया रैक 99 किया हासिल ....

- ​विदेश जाने वाले युवाओं के लिए अनमोल शर्मा बना एक मिसाल   

खबरनामा इंडिया ब्यूरो। कपूरथला    

कपूरथला के 24 वर्षीय अनमोल शर्मा ने लास्ट चांस में UPSC-CDS (कंबाइंड डिफेंस सविर्सेस) में ऑल इंडिया रैक 99 हासिल किया है। यह मुकाम हासिल करते हुए उसने जहां माता-पिता का नाम रौशन किया है, वहीं चाचा के फौजी बनने का सपना भी साकार कर दिया है। लेकिन इसमें सात मौके हाथ से निकलने के बाद आखिरी आठवां मौका, उस समय आया, जब कांस्टेबल की ट्रेनिंग चल रही, अफसरों का तानों भरा मिला-जुला रवैया और स्टडी शेड्यूल सबसे बड़ा चैलेंज बन गया, जिससे अनमोल का मन भर आया कि पिता जी ने कहां फंसा दिया, यह तो उसका कैडर है ही नहीं। इन सब मुसीबतों को पार करके जब 24 जनवरी को जब मेरिट बनी तो अनमोल का 99 रैंक देखा तो पूरे परिवार की आंखें ख़ुशी में नम हो गई थी।  

आंखों में खुशी के आंसू साफ करते कपूरथला के भुल्लर इंक्लेव वासी अनमोल शर्मा ने बताया कि लक्ष्य कठिन था और मुसीबतें भी कम न थी। सबसे बड़ी चुनौती तो एडवोकेट चाचा चंद्र शेखर का फौजी बनने का सपना साकार करना ​था। बकौल, अनमोल आठवीं के बाद सैनिक स्कूल में पढ़ाई करीं तो फौज की तरफ आकर्षण बढ़ गया। उसी दौरान तीन बार एनडीए और तीन बार ही तीन बार एफकैट (एयरफोर्स अकैडमी) के टेस्ट दिए, असफल रहा, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। फिर पांच बार UPSC के टेस्ट दिए। रिटन हर बार पास, लेकिन SSB इंटरव्यू में मात खा जाता। ऐसा करते-करते सात चांस निकल गए।  

पंजाब पुलिस में SSP कार्यालय में कार्यरत पिता ASI रिपुदमन शर्मा ने उन्हें कांस्टेबल का टेस्ट दिलाया। पास हो गया और 22 अगस्त 2022 से इन सर्विस ट्रेनिंग सेंटर कपूरथला में ट्रेनिंग शुरू हुई। यहां पहुंचा तो और चुनौतियों ने घेर लिया, क्यों​कि उम्र 24 हो चुकी थी, UPSC का लास्ट चांस था और सुबह चार बजे से आठ बजे तक हार्डकोर ट्रेनिंग। पढ़ाई का शेड्यूल चुनौती बन गया।  

जब अफसरों से पढ़ाई के लिए कुछ रियायत की गुजारिश की जाती तो जवाब मिलता, वड्डा अफसर बनना...तुहाडे वरगे तां पियोन लग लायक नईं... यानी ऐसे तानें मारने की, मन टूट जाना, लेकिन पिता, माता चंचर शर्मा और छोटी बहन अमानत शर्मा ने मोटिवेट करना और फिर नए सिरे से पढ़ाई शुरू कर दी। ट्रेनिंग दौरान कुछ ऐसे उस्ताद भी मिले, जिन्होंने पूरा सपोर्ट किया। लेकिन ज्यादतार ने तो हौंसला तोड़ा। पढ़ने के लिए किताब के पन्ने जुराब तो कभी जेब में छुपाकर ले जाता। देर रात कहीं छुप पढ़ता।  

कई बार उस्तादों ने पकड़ लिया और सा​थियों ने ​शिकायत कर दी। पर जब UPSC क्लीयर किया तो सबसे पहले उन लोगों का मुंह मीठा करवाया, जिन्होंने राह में रोड़े अटकाए, अब उनके सुर बदल गए हैं, कहते हैं हमें पता था तुम कर लोगो।  

अनमोल कहते हैं कि मार्च माह से आफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी चेन्नई में 11 माह की ट्रेनिंग शुरू होगी। अनमोल के पिता रिपुदमन शर्मा, जोकि अंतरराष्ट्रीय हॉकी अंपायर मैनेजर हैं और चाचा चंद्रशेखर कहते हैं कि अनमोल ने विपरीत परि​स्थितियों को खुद को टूटने की बजाय मजबूत करके उनका सपना साकार किया है। पिता कहते हैं कि जब बेटा फौज की वर्दी पहन जब सैल्यूट करेगा तो उसका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। विदेश भागने वाले युवाओं से अनमोल ने कहा कि भारत में भी अपार संभावनाए हैं, पहले खुद को दो-तीन साल काबिल बनाकर तो देखें, नहीं तो विदेश जाने का मौका तो हमेशा खुला है।  

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