धार्मिक समागम .... प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी और माता सुलक्खनी जी के विवाह पर्व पर समारोह आयोजित
- कोरोना संकट के चलते बेहद सादे व सीमित ढंग से करवाया गया समारोह
खबरनामा इंडिया ब्यूरो। सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला, पंजाब
सिख धर्म के संस्थापक प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी और जगत माता सुलक्खनी जी के विवाह पर्व मौके एसजीपीसी की ओर से प्रदेश के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु का बाग सुल्तानपुर लोधी में गुरमति समागम आयोजित करवाया गया। इस दौरान संत बाबा सुबेग सिंह कार सेवा वालों के नेतृत्व और बाबा जीत सिंह की देखरेख में संगत की तरफ से पूरा दिन गुरू के अटूट लंगर वितरित गए। कोरोना महामारी के कारण यह समागम काफी सीमित रहा।
श्री अखंड पाठ साहिब के भोग उपरांत भाई कंवलजीत सिंह हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा श्री बेर साहिब वालों ने गुरबानी कीर्तन से निहाल किया और गुरुद्वारा बेर साहिब के हैड ग्रंथी भाई गुरप्रीत सिंह ने गुर इतिहास की कथा श्रवण करवाई और समूह संगत को श्री गुरू नानक देव जी और जगत माता सुलक्खनी जी के विवाह पर्व की बधाई दी। कथा वाचक ज्ञानी गुरप्रीत सिंह ने गुर इतिहास की कथा श्रवण करवाते हुए बताया कि सदियों पहले श्री गुरू नानक देव जी महाराज ने 1469 को रायभोई की तलवंडी पाकिस्तान में माता तृप्ता जी और पिता भाई कल्याण दास जी के घर में अवतार लिया।
कुछ अरसे बाद सत्गुरू पहले पातशाह जी अपनी बड़ी बहन बेबे नानकी जी और जय राम जी के पास सुल्तानपुर लोधी आ गए और गुरुद्वारा श्री गुरु का बाग साहिब वाले स्थान पर बने घर में रहे। यहीं से सत्गुरू जी की बारात बटाला शहर के लिए रवाना हुई, जहां सत्गुरू जी का शुभ विवाह भाई मूल चंद की सुपुत्री माता सुलक्खनी जी से हुआ। विवाह से कुछ अर्से बाद सत्गुरू जी के घर इसी स्थान पर दो सुपुत्र बाबा श्री चंद जी और बाबा लख्मी दास जी का जन्म हुआ और उपरांत सत्गुरू जी परिवार की जिम्मेदारी बहन बेबे नानकी जी को सौंप कर लंबी उदासियों के लिए निकल पड़े।
उन्होंने बताया कि सत्गुरू जी हमेशा गृहस्थी जीवन को प्राथमिकता दी और पूरी मानवता को उपदेश दिया कि घर परिवार में रहकर भी हम परमात्मा को पा सकते हैं। अंत में एसजीपीसी सदस्य बीबी गुरप्रीत कौर ने समूह संगत को विवाह पर्व की बधाई दी और मैंबर सरबजीत सिंह धुंदा ने संगतं का धन्यवाद किया।
इस मौके मैनेजर सरबजीत सिंह धुंदा ने समागम में विशेष के तौर पर पहुंचे एसजीपीसी मेंबर बीबी गुरप्रीत कौर रूही, अकाली दल की पीएसी के सदस्य इंजी. स्वर्ण सिंह, एसजीपीसी सदस्य जत्थेदार बलदेव सिंह कल्याण, पूर्व चेयरमैन दलजीत सिंह काहलो मेहतपुर और मैनेजर तरसेम सिंह, जत्थेदार गुरदयाल सिंह खालसा, बाबा जीत सिंह कार सेवा गुरु का बाग और भाई लखबीर सिंह हैड ग्रंथी गुरु का बाग का सिरोपाओ देकर सम्मान किया। इस दौरान जिला प्रशासन की हिदायतों का पालन करते हुए संगत ने शीश निवाया। बताते चलें कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण इस बार प्रशासन की हिदायतों को मानते हुए एसजीपीसी ने सुल्तानपुर लोधी से बटाला तक नगर कीर्तन नहीं सजाया और जगह-जगह कोई लंगर लगाए गए।
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