अंतर्राष्ट्रीय मई दिवस पर शिकागो के शहीदों को दी श्रद्धांजलि ....
- कॉर्पोरेट एवं पूंजीवादी विरोधी संघर्षों में ट्रेड यूनियन संगठनों की अहम भूमिका -- कवलजीत सिंह
- आउटसोर्सिंग की नीति और पेंशन पर सरकार को खुली चुनौती -- अमरीक सिंह
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर आज रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में RCFEU द्वारा आयोजित विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें सैकड़ों कर्मठ कर्मचारियों ने एकजुट होकर मई दिवस के अमर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बुलंद आवाज उठाई।
कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण की महत्वपूर्ण रस्म के साथ हुई, जिसे आरसीएफ के सेवानिवृत्त वरिष्ठ कर्मचारियों ने अत्यंत सम्मानपूर्वक संपन्न किया। इसके पश्चात, उपस्थित जनसमूह ने "शिकागो के शहीद अमर रहें" और "मई दिवस के शहीदों को लाल सलाम" के नारों से मजदूर संघर्षों तथा मई दिवस के शहीदों को याद किया, जो मजदूर वर्ग की अटूट एकता और संघर्ष के अटूट संकल्प का प्रतीक था।
RCFEU के अध्यक्ष और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव, अमरीक सिंह ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए RCF में व्याप्त गंभीर चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से RCF प्रशासन द्वारा कारखाना परिसर में तेजी से बढ़ती आउटसोर्सिंग की प्रवृत्ति पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे नियमित कर्मचारियों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन बताया। सिंह ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए देशव्यापी आंदोलन को और तेज करने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि पहलगाम में हुए दुखद आतंकी हमले के कारण दिल्ली में प्रस्तावित 20 लाख कर्मचारियों का ऐतिहासिक प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा, लेकिन उन्होंने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि कर्मचारी अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए हर संभव लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने प्रशासन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आउटसोर्सिंग की विस्तारवादी नीतियों को तत्काल नहीं रोका गया और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यूनियन एक व्यापक और निर्णायक आंदोलन छेड़ने के लिए बाध्य होगी।
ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन (एक्टू), चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष, कामरेड कवलजीत सिंह ने अपनी बात रखते हुए वर्तमान सरकार की उन कॉर्पोरेट-समर्थक नीतियों की तीखी आलोचना की, जो उनके अनुसार मजदूर वर्ग के हितों को लगातार कमजोर कर रही हैं। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अंधाधुंध निजीकरण की भी कड़ी निंदा की और इसे राष्ट्रहित के विरुद्ध बताया। उन्होंने कहा कि आरसीएफ में मनाया गया मई दिवस पूरे देश के लिए एक मिसाल है कि इस तरीके से भी मई दिवस के शहीदों को याद किया जा सकता है, सरकार की कॉर्पोरेट व पूंजीवादी नीतियों के नए दौर में इस तरीके से मई दिवस के समागमों का आयोजन करना भी एक नई शुरुआत है, यह नई शुरुआत भारत सरकार के लिए एक चेतावनी है कि अगर सरकार मजदूरों के मुख्य मुद्दों से ध्यान केंद्रित नहीं करेगी तो मजदूरों के पास उनका सबसे बड़ी ताकत एकता और उनकी लड़ने की इच्छा शक्ति है जो मई दिवस जैसे समागमों से प्रेरित होकर मिलती है।
\उन्होंने नौजवान कर्मचारियों से आगे होकर मजदूर संगठनों में काम करने की अपील करते हुए कहा कि नौजवानों का जोश देश के मौजूदा हालातो को बदल सकता है तथा कारपोरेट एवं पूंजीवादी नीतियों के साथ संघर्ष करने के लिए नौजवानों की एकता बेहद जरूरी है । कामरेड कवलजीत सिंह ने समाज को धर्म और जाति के नाम पर विभाजित करने वाली विघटनकारी ताकतों से सतर्क रहने का आह्वान किया और मजदूर वर्ग की एकता को किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सबसे शक्तिशाली हथियार बताया। उन्होंने पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक के लिए सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने गैर-संगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी एकजुट कर यूनियन के साथ जोड़ने तथा उन्हें उनके हक अधिकारों के लिए जागृत करने का आह्वान किया।
आज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ओबीसी, एससी & एसटी, आईआरटीएसए एवं इंजीनियर एसोसिएशनों के पदाधिकारियों ने कहा कि रेल कोच फैक्ट्री इन दिनों भारत सरकार की मजदूर तथा देश विरोधी नीतियों के चलते अपने सबसे बुरे हालातो में गुजर रही है। आउटसोर्सिंग का बढ़ता स्तर आरसीएफ के भविष्य के लिए खतरनाक है, मजदूरों को मिले हक अधिकारों को बचाने की लड़ाई इस समय सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए हम सबको एक साथ मिलकर इस लड़ाई को आगे बढ़ना होगा तथा मजदूरों को मिले हक अधिकारों को बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना ही समय की मांग है।
स्टेट संचालन की भूमिका यूनियन के संगठन सचिव भरत राज ने निभाई तथा गुरजिंदर सिंह ने ध्वजारोहण उपरांत झंडे का गीत "एह प्यारे परचम लाल" कर्मचारियों में जोश भरने का कार्य किया एवं में दिवस के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मई दिवस के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अमरीक सिंह गिल, तलविंदर सिंह, त्रिलोचन सिंह, बचीतर सिंह, नरेंद्र कुमार, प्रदीप सिंह, मनजीत सिंह बाजवा, जसपाल सिंह सेखों, अवतार सिंह, हरप्रीत सिंह, अश्विनी कुमार, प्रकाश चंद मीणा, शिवराज मीणा, करण कुमार, राजेंद्र कुमार, संजीव कुमार, जतिंदर राणा, जगदीप सिंह, जगजीत सिंह, पंकज कुमार, विकास मनी, सोनू कुमार शाह, गुरप्रीत सिंह चीमा इत्यादि सहित आरसीएफ के सैकड़ो कर्मचारियों ने भागीदारी कर अपनी एकता का परिचय दिया।
No comments