संत सीचेवाल ने किसानों को नहरी पानी देने के लिए तीन गांवों का किया दौरा ....
- इब्बन खनन के तहत सिंचाई का क्षेत्र बढ़ाने के लिए 3 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव
खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने नहरी पानी के खेतों को जोड़ने के लिए तीन गांवों का दौरा किया। कपूरथला जिले के खानोवाल, थिगली और सिधवां इन तीन गांवों को इब्बन खनन से पानी मिल सकता है। सिधवां गांव में बिस्त दोआब में बहने वाली जालंधर नहर की इब्बन खनन का एक बड़ा हिस्सा पक्का नहीं है। इस कच्ची नहर के आसपास के ग्रामीणों ने इसका उपयोग गंदे पानी की निकासी के लिए करना शुरू कर दिया है।
गंदगी से भरी इस छोटी सी नहर के बारे में गांव के लोगों ने संत बलबीर सिंह सीचेवाल को बताया कि किस तरह इस नहर का पानी उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसी तरह खानोवाल के एकत्रित किसानों ने मांग की कि उनके खेतों में भी नहरी पानी पहुंचाया जाए। उन्होंने नहर विभाग के अधिकारियों से मोघों की मांग की। किसानों ने कहा कि वे नहरी पानी को प्राथमिकता देने को तैयार हैं, बशर्ते उन्हें मोघों की सुविधा दी जाए।
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे नहरी पानी के लिए आवेदन सिंचाई विभाग को सौंपें ताकि प्राथमिकता के आधार पर उनके खेतों के लिए सिंचाई की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को कोई लागत नहीं लगेगी। भूमिगत पाइप बिछाने के लिए केंद्र सरकार 90 प्रतिशत पैसा खर्च करती है और पंजाब सरकार 10 प्रतिशत लागत करेगी। इस तरह किसानों को बिना किसी लागत के नहर का पानी खेतों तक पहुंचेगा।
संत सीचेवाल ने कहा कि बिस्त दोआब नहर की क्षमता 1453 क्यूसिक पानी की है। यह पानी दोआबा क्षेत्र का है, लेकिन किसान नहरी पानी के बजाय मोटरें लगाकर भूमिगत जल का उपयोग करना पसंद कर रहे हैं, जिससे भूमिगत जल पर दबाव बढ़ रहा है।
मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के एक्सियन दविंदर सिंह ने कहा कि इस खदान को तीन से चार किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाकर भानोलंगा ड्रेन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को संत बलबीर सिंह सीचेवाल जी के ध्यान में लाया गया है। इसके कार्यान्वयन से दोनों क्षेत्रों के इस बड़े हिस्से में भूजल स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी और अतिरिक्त पानी को भानो लंगा नाले के माध्यम से पवित्र बेईं में भी भेजा जाएगा।
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि बिस्त दोआब दोआब नहर को पानी उपलब्ध कराने के लिए सक्रिय हैं। भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने ऐच्छिक कोष से 1 करोड़ 19 लाख की लागत से सिम्बली बिस्त दोआब नहर पर रेगुलेटर का निर्माण करवाया है, जिससे चिट्टी वेईं में 200 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सके। इसी प्रकार काला संघ्या ड्रेन में भी 100 क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए इस ड्रेन को पत्थरों से पक्का किया जा रहा है। तारागढ़ चौ में अलावलपुर से भी पानी छोड़ा जा रहा है, जो आगे चिट्टी वेईं में गिरेगा।
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