कपूरथला से संबंधित गुजरात में पकड़ी अवैध शराब के मामले में नया मोड़ .... ??
- शराब कारोबार की पावर ऑफ अटॉर्नी दिए जाने की चर्चा, संबंधित युवक 6 दिन से लापता
खबरनामा इंडिया ब्यूरो। कपूरथला
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पंजाब के कपूरथला से संबंधित गुजरात के मोरबी तालुका में पकड़ी अवैध शराब मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। जिसमे शहर के एक साधारण परिवार ने सामने आकर एक फाइनेंसर पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके बेटे को शराब कारोबार फ़साने की साजिश की बात कही है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका बेटा पिछले 6 दिन से लापता है। जिसको उक्त फाइनैंसर शुक्रवार रात ले गया था। उसके बाद से वह घर नहीं आया है। लापता युवक के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी बंना कर गुजरात मामले में फसाया जा रहा है। परिवार ने मिडिया से बातचीत में जहाँ फाइनेंसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीँ प्रशासन से उनके बेटे की जल्द ढूंढने की गुहार लगाई है।
बताया यह भी जा रहा है कि कुछ समय पहले गुजरात के मोरबी तालुका में करोड़ों रुपए की अवैध शराब पकड़ी जाने के बाद उसके तार कपूरथला जुड़ते देख शराब कारोबारी को दबोचने के लिए गुजरात पुलिस ने कपूरथला में दबिश दी थी। सूत्रों की माने तो जालंधर में उक्त कारोबारी को काबू किए जाने और मौके से उसके फरार होने की चर्चा है। हालाँकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। लेकिन उसी रात जालंधर के एक थाने में कपूरथला के ठेकेदार सहित 6 आरोपिओ को नामजद कर एक मामला दर्ज किया गया था।
वहीँ अब इस मामले में नया मोड़ देखा जा रहा है। जिसमे लापता हुए मोहब्बत नगर वासी विशाल के परिवार ने उसके लापता होने की बात कही है। बता दे कि उक्त परिवार आर्थिक कमजोर है और लोगो के घरो में काम कर मुश्किल से गुजर बसर करता है। लापता हुए विशाल की माँ तथा बहन ने मिडिया से रूबरू होते हुए बताया कि शहर के बिट्टू फाइनेंसर ने 26 अप्रैल शुक्रवार को रात फ़ोन कर विशाल को बुलाया और रात वह उसे एक गेस्ट हाउस में रहने के लिए छोड़ गया। वहीं गेस्ट हाउस का रिकॉर्ड यह पुष्टि करता है कि विशाल की गेस्ट हाउस में रात 9:28 पर एंट्री हुई है और सुबह 7:30 बजे उसने चेक आउट कर दिया।
परिवार ने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले बिट्टू ने उसको साथ लेजाकर एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाए है। और उसे शराब कारोबार की पावर ऑफ अटॉर्नी दिए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन विशाल पिछले 6 दिनों से लापता है जिसको लेकर वह चिंता में है।
लापता हुए विशाल की माता तथा बहन ने बताया कि विशाल को बिट्टू फाइनेंसर ने साथ ले जाकर कुछ लोगों की मिलीभगत से एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाएं और उसे ठेकेदार बनाए जाने की बात भी कही। परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि बिट्टू ने विशाल के लापता होने से कुछ दिन पहले उससे यह दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए थे। जिसमें बिट्टू फाइनेंसर तथा एक अन्य युवक मोनू ने भी बतौर गवाह हस्ताक्षर किये थे।
इस संबंध में कपूरथला पुलिस ने चुप्पी साधी हुई हैं और अभी तक गुजरात पुलिस की कपूरथला में दबिश दिए जाने की बात को लेकर खुलकर कुछ नहीं बताया हैं। हालांकि एक अधिकारी ने सिर्फ इतना ही बताया है कि गुजरात पुलिस आई थी और कुछ जगहों पर छापेमारी की और एक व्यक्ति से पूछताछ के बाद वह वापस चले गए।
दूसरी तरफ इस मामले में आरोपित बिट्टू फाइनेंसर ने बताया कि सारे आरोप झूठे और बे-बुनियाद है। उन्होंने किसी भी दस्तावेज पर बतौर गवाह साइन नहीं किए हैं। जबकि उन्होंने यह बताया कि उन्हें यह मालूम हुआ है कि किसी कागज पर विशाल ने दस्तक किए हैं और मोनू ने भी हस्ताक्षर किए हैं। वहीं मोनू ने यह पुष्टि की है कि विशाल के लापता होने से कुछ दिन पहले रात के समय अंधेरे में आए कुछ लोगों ने विशाल के घर के बाहर गाड़ी में किसी दस्तवेज पर हस्ताक्षर करवाए। जिसमें बिट्टू फाइनेंसर तथा उसने गवाह के तौर पर हस्ताक्षर किए थे।
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