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पूर्व CM चन्नी के बयान ने पूरे देश में आक्रोश और निंदा को जन्म दिया --- अशोक गुप्ता

- कांग्रेस के लापरवाही पूर्ण आरोपों की सभी ने की निंदा    

खबरनामा इंडिया बबलू। कपूरथला      

पुंछ में भारतीय वायु सेना (IAF) के काफिले पर हाल ही में हुए दुखद आतंकवादी हमले के बाद, कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व CM चरणजीत सिंह चन्नी की निंदनीय टिप्पणी ने पूरे देश में आक्रोश और निंदा को जन्म दिया है। इस हमले को सत्तारूढ़ भाजपा के लाभ के लिए एक "चुनावी हथकंडा" के रूप में लेबल करना और 2016 के उरी हमले और 2019 के पुलवामा बम विस्फोट सहित पिछली आतंकवादी घटनाओं में भाजपा की संलिप्तता का संकेत देना न केवल आधारहीन है, बल्कि भारतीय सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान और भारत सरकार की अखंडता का भी गहरा अनादर है।   

चन्नी के लापरवाह आरोपों में न केवल सबूतों की कमी है, बल्कि आतंकवाद के इन जघन्य कृत्यों में जान गंवाने वालों के लिए एक चौंकाने वाली उपेक्षा भी दर्शाती है। इस तरह के संवेदनशील मामलों का राजनीतिकरण करके, चन्नी और कांग्रेस पार्टी अपने छोटे लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का फायदा उठाते हुए एक नए निम्न स्तर पर आ गए हैं। 

राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा में भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और समर्पण निंदनीय है। षड्यंत्र के सिद्धांतों को फैलाकर और उनकी ईमानदारी पर संदेह करके उनके बलिदानों को कमजोर करना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि यह पूरी तरह से देशद्रोही है। इस तरह के बयान केवल हमारे सैनिकों का मनोबल गिराने, हमारे दुश्मनों को प्रोत्साहित करने और बाहरी खतरों का सामना करते हुए राष्ट्र की एकता और संकल्प को कमजोर करने का काम करते हैं। 

इसके अलावा बिना किसी विश्वसनीय सबूत के सत्तारूढ़ सरकार पर आरोप लगाकर कांग्रेस ने लोकतांत्रिक संस्थानों की पवित्रता और कानून के शासन की घोर अवहेलना का प्रदर्शन किया है। इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी न केवल हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को कमजोर करती है, बल्कि जनता के बीच कलह और विभाजन पैदा करने की भी धमकी देती है। 

यह जरूरी है कि हम एक राष्ट्र के रूप में इस तरह की विभाजनकारी और खतरनाक राजनीति की निंदा करने के लिए एकजुट हों। हमारे राष्ट्र की सुरक्षा और कल्याण को कभी भी आत्मनिर्भर राजनेताओं की साजिशों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए। हम कांग्रेस और उसके नेताओं से अपने निराधार आरोपों को वापस लेने और भारतीय सशस्त्र बलों, सरकार और भारत के लोगों से बिना शर्त माफी मांगने का आह्वान करते हैं।   

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